Wednesday, 30 September 2020
सोवियत रूस में महिलाओ पर यौन अपराध क्यो नही था!
अदम गोंडवी
Tuesday, 29 September 2020
Leslie Pinckney Hill
News item from The New York Times on the lynching of a Negro at Smithville, Ga., December 21, 1919: "The train was bored so quietly…that members of the train crew did not know that the mob had seized the Negro until informed by the prisoner's guard after the train has left the town… A coroner's inquest held immediately returned the verdict that West came to his death at the hands of unidentified men."
So quietly they stole upon their prey
And dragged him out to death, so without flaw
Their black design, that they to whom the law
Gave him in keeping, in the broad, bright day,
Were not aware when he was snatched away;
And when the people, with a shrinking awe,
The horror of that mangled body saw,
"By unknown hands!" was all they could say.
So, too, my country, stealeth on apace
The soul-bright of a nation. Not with drums
Or trumpet blare is that corruption sown,
But quietly — now in the open face
Of day, now in the dark — when it comes,
Stern truth will never write. "By hands unknown."
हत्यारों की शिनाख़्त लेस्ली पिंकने हिल (अफ्रीकी-अमेरिकी कवि)
भगतसिंह और उनके क्रांतिकारी साहित्य
1. शहीद सुखदेव नौघरा से फांसी तक
2. संस्मृतिया- क्रांतिकारी शहीदों के संस्मरणात्मक लेख
3. क्रांतिकारी आंदोलन का वैचारिक विकास
4. भगतसिंह और उनके साथियो के सम्पूर्ण दस्तावेज
6. भगतसिंह- मै नास्तिक क्यों हूँ
7. क्रांतिकारी कार्यक्रम का मसविदा
8. जाति धर्म के झगरे छोडो,सही लड़ाई से नाता जोडो
Monday, 28 September 2020
' बहेलियों का बाजार ' -जुल्मीरामसिंह यादव
Sunday, 27 September 2020
Colonial policy of Comintern and Stalin :What attitude should the communist parties in developing countries take towards the bourgeois ?
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना #रविवार_की_कविता
Lok Sabha passes Bill to exempt political parties from scrutiny on foreign funds, without debate.
Saturday, 26 September 2020
Socialism in one country
हबीब जालिब- मैं नहीं मानता
Thursday, 24 September 2020
मज़दूर अख़बार – किस मज़दूर के लिए? (क्रान्तिकारी राजनीतिक प्रचार की कुछ समस्याएँ) *लेनिन* अनुवाद : आलोक रंजन
On Swaminathan Commission.
रोजगार या बेरोजगारी भत्ता
Wednesday, 23 September 2020
नाट्यशाला- शशि प्रकाश
श्रम के देवता के चले जाने के बाद की मुंबई- कविता
सिद्धान्त और व्यवहार- द्वन्द्वात्मक सम्बन्ध
Peasant Question
Tuesday, 22 September 2020
एंगेल्स
छोटी जोतों की खेती के सन्दर्भ में फ्रेडरिक एंगेल्स के महत्वपूर्ण विचार
संसद का गीत/ गोरख पांडेय
कृषि विधेयक
Sunday, 20 September 2020
National and the Colonial Questions- Lenin &Roy
किसानों के खिलाफ मोदी सरकार के तीन अध्यादेश
गाँव के गरीबो से -लेनिन
Saturday, 19 September 2020
यह देश एक जलती हुई चिता है - कविता
Friday, 18 September 2020
निजिकरण और मजदूरवर्ग के पास विकल्प
Thursday, 17 September 2020
बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) बिल: डेपोसिटर्स के हित में या खून चूसक वित्त पूंजी के हित में?
डूबती हुई अर्थव्यवस्था में पूरा पूंजीवादी कॉर्पोरेट सेक्टर मानो अंतिम सांसे ले रहा है। इन्हें कर्ज देने वाले तमाम कमर्शियल बैंक का बढ़ता हुआ NPA चिंता का विषय बना हुआ है। इन खून चूसने वाले निजी क्षेत्र के कॉर्पोरेट सेक्टरो में से कुछ को(सभी को बचाना सम्भव नही है) बैंक किस आधार पर बचाये, इसके लिये कामथ कमिटी के सुझाव आ गया है।
बचे कॉपरेटिव बैंक तो उनकी बहुत खराब हालत के बारे में बोलते हुए वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि मार्च 2019 में कॉपरेटिव बैंकों का ग्रॉस एनपीए 7.27 फीसदी था, जो मार्च 2020 में बढ़कर 10 फीसदी से ज्यादा हो गया था। कारोबारी साल 2018-19 में 277 अर्बन कॉपरेटिव बैंकों ने घाटा दर्ज किया था। मंत्री ने कहा कि मार्च 2019 के आखिर में 100 से ज्यादा अर्बन कॉपरेटिव बैंक मिनिमम रेगुलेटरी कैपिटल रिक्वायरमेंट को पूरा नहीं कर रहे थे और 47 अर्बन कॉपरेटिव बैंकों का नेटवर्थ निगेटिव था।
पिछले साल सितंबर में पीएमसी बैंक का घोटाला सामने आने के बाद कॉपरेटिव बैंकों को नियमित करने का प्रस्ताव आया था। 4,355 करोड़ रुपए का घोटाला उजागर होने के बाद आरबीआई ने पीएमसी बैंक पर कई पाबंदियां लगा दी थीं। घोटाला के कारण पीएमसी बैंक के 9 लाख से ज्यादा ग्राहकों की बचत खतरे में पड़ गई।
ऐसी खराब हालत फिर कभी न आये, इसके लिये क्या किया जाए? लोकसभा ने बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) बिल, 2020 पारित किया है, कानून बनने के बाद आरबीआई की निगरानी में कॉपरेटिव बैंक आ जायगे। हालांकि आरबीआई की निगरानी में तो पहले से सारे कमर्शियल बैंक है, उनकी हालत भी तो खराब है, उनमे भी घोटाले हो रहे है।
यह भी झूठा प्रचार किया जा रहा है कि बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) बिल depositors के हितों को ध्यान में रख कर किया जा रहा है।
कमर्शियल बैंक में डेपोसिटर्स के हित किस सीमा तक सुरक्षित किया गया है? 1961 के जमा राशि बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम अधिनियम (डिपाजिट इन्शुरन्स एंड क्रेडिट गारंटी कारपोरेशन एक्ट) के तहत, यदि कोई बैंक डूबता है तो लोगों द्वारा जमा की गई एक लाख तक की राशि का बीमा होता है।
पेंशन की सुविधा से वंचित रिटायरमेंट बेनिफिट के पैसे लोग कहाँ रखे जिससे उन्हें एक निश्चित माहवारी आय आती रहे और उनकी पूंजी भी सुरक्षित रहे। मध्यम वर्ग आज इस सवाल से झूझ रहा है। उन्हें डर है कि उनका सबकुछ लूट न जाये, पैसा बैंक में रहते हुए वे उसे निकाल न सके, जैसा कि पीमसी बैंक के जमाकर्ताओं के साथ हुआ और आज भी पीएमसी बैंक के ग्राहक अपना पैसा लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इसके अलावे सरकार FRDI bill (अब FSDR) लाने वाली है जिसके पास होने के बाद, वित्तीय संस्थाओं को आर्थिक संकट में फंसने की स्थिति में, जो अभी सरकारी पैसे से बेल आउट किया जाता है, depositor की कीमत पर बेल-इन किया जाएगा। बैंक को आत्मनिर्भर भारत का हिस्सा बनाने के लिये सरकार नही बल्कि बैंक के depositor उस बैंक को घाटे से उबारने में मदद करेगे।
यानिकि, आपके बैंक में डिपाजिट जो अभी एक लायबिलिटी है, उसे इक्विटी में बदल देने का अधिकर रेसोलुशन अथॉरिटी को रहेगा।
क्या कोआपरेटिव बैंक बिना बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट में बदलाव के FSDR के दायरे में नही आते और इसलिये बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) बिल लाया गया है?
बैंकिंग रेगुलेशन (अमेंडमेंट) बिल डेपोसिटर्स के हित में नही है, यह खून चूसक वित्त पूंजी के हित में है। यह समझना बहुत कठिन नही है।
https://toptrendingbusiness.blogspot.com/2020
KV Kamath commitee to help blood sucker, bourgeois
Wednesday, 16 September 2020
सामाजिक जनवादी(कम्युनिष्ट )
१९५३ में स्टालिन की शव यात्रा पर उमड़ा सैलाब
*On this day in 1953, a sea of humanity thronged the streets for Stalin's funeral procession.* Joseph Stalin, the Soviet Union's fea...
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"American personalities cannot ignore that the Soviet Union is not only opposed to the use of the atomic weapon, but also in favor of i...
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In the ring of life, a tale unfolds, Of courage and strength, where truth beholds, Women wrestlers rise, their voices loud, Against the dark...
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In a nation where access to education remains a fundamental issue and where an individual's success largely depends on access to resourc...