'कम्युनिस्ट मास्को में रेप नामुमकिन था'
अयाज़ आमिर 1974 से ढाई साल मास्को में तैनात थे और ये उनका बयान है, جنسی تشدد تو دور کی بات ہے اُس زمانے کی سوویت یونین میں اس کا تصور بھی محال تھا۔
'जिंसी तशद्दुद (यौन अपराध) तो दूर की बात है उस जमाने के सोवियत यूनियन में इसका तसव्वुर भी मुहाल था।'
निजी मालिकाने को खत्म और ज़ालिमों पर मजदूर वर्ग की तानाशाही कायम कर ही ऐसा स्वतंत्रता आधारित समाज बनाया जा सकता है जिसमें किसी इंसान के साथ वहशीपन की बात तक दिमाग में लाने की बात नामुमकिन हो जाये। मौजूदा जनतंत्र तो बस ज़ालिमों को जुल्म की आजादी है।
(नोट: हालांकि 1974 भी वो पहले का समाजवादी देश नहीं था, संशोधनवाद की गिरफ्त में था, पर समाजवाद के दौरान जो समाज बना था उसकी संस्कृति सारे पतन के बाद भी पूंजीवादी समाज से सैंकड़ों गुना बेहतर थी।)
मुकेश असीम के वाल से
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