Sunday, 3 October 2021

विद्यानन्द चौधरी -कविता

हमारा आध्यात्मिक विज्ञान उछाल मार रहा है।
गाय का विज्ञान
गोबर का विज्ञान
गोमूत्र का विज्ञान

रामसेतु की खोज होगी
पुष्पक विमान फिर बनेगा
रामजी फिर आएंगे
केवट फिर पैर धोकर (गन्दा) पानी पियेगा
गुलामी फिर महिमामंडित होगी
तर्क और न्याय फिर विलुप्त होगा
फिर से मानवता राजा के जयकारे करेगा
फिर से राजा राम का ऐश्वर्य स्थापित होगा
फिर से विरोधी राक्षस कहे जाएंगे
औरत फिर 'स्वामी' के इच्छा की दासी होगी
अहिल्या का फिर इंद्र द्वारा बलात्कार होगा
अहिल्या फिर पति द्वारा अभ्शप्त पत्थर बनेगी
फिर राम के 'चरण धुली' की प्रतीक्षा करेगी
सीता की फिर अग्नि परीक्षा होगी
उसे फिर घर से निकला जाएगा
औरत फिर पददलित होगी
मानवता की गुलामी ही भक्ति होगी।

फिर किसी 'राक्षस' का वद्ध होगा
फिर राम का 'न्याय' स्थापित होगा
फिर गरीबी न्यायसंगत होगा
फिर शोषण न्यायसंगत होगा
फिर अन्याय न्यायसंगत होगा

सुना है रामराज्य शीघ्र ही आएगा।

No comments:

Post a Comment

१९५३ में स्टालिन की शव यात्रा पर उमड़ा सैलाब 

*On this day in 1953, a sea of humanity thronged the streets for Stalin's funeral procession.* Joseph Stalin, the Soviet Union's fea...