Friday, 20 August 2021

आज़ादी

कौन कहता है कि इस देश में आज़ादी नहीं है
सोचता है एक देशभक्‍त
ट्रैफिक सिग्‍नल पर अपनी कार में देशभक्ति के गीत सुनते हुए
और गर्व से तिरंगा ख़रीदते हुए 
वाक़ई वह आज़ाद है ख़रीदने के लिए
आज़ाद तो वह अधनंगा बच्‍चा भी है तिरंगा बेचने के लिए
ठीक उसी तरह जिस तरह आज़ाद है उसका पिता
लेबर अड्डों , कारख़ानों और खेतों में 
अपनी मेहनत करने की कूव्‍वत बेचने के लिए
जिस तरह आज़ाद है उसका मालिक
उसकी हड्डियाँ निचोड़ने के लिए

An and Singh

No comments:

Post a Comment

१९५३ में स्टालिन की शव यात्रा पर उमड़ा सैलाब 

*On this day in 1953, a sea of humanity thronged the streets for Stalin's funeral procession.* Joseph Stalin, the Soviet Union's fea...