Wednesday, 12 May 2021

समीह अल-कासिम की कविता

जाओ मेरी ज़मीन का

आखिरी टुकड़ा भी चुरा लो

जेल की कोठरी में

मेरी जवानी झोंक दो

मेरी विरासत लूट लो

मेरी किताबें जला दो

मेरी थाली में अपने कुत्तों को खिलाओ

जाओ मेरे गाँव की छतों पर

अपने आतंक के जाल फैला दो

इंसानियत के दुश्मन

मैं समझौता नहीं करूंगा

और आखिर तक मैं लड़ूंगा

- समीह अल-कासिम

#FreePalestine #DownWithZionism

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