Thursday, 29 April 2021

हत्यारी पूंजीवादी चिकित्सा व्यवस्था के शिकार हो गए

दुखद! बेहद दुखद! पटना स्थित यूनियन के जुझारू साथी धनंजय के भाई संजय की कोरोना से दुखद मौत। हालत बिगड़ने पर वे NMCH अस्पताल लाये गए। लेकिन आक्सीजन की कमी का हवाला दे कर इन्हें यहां भर्ती नही किया गया। पीएमसीएच और एमस में बेड खाली नही था। और अंततः  NMCH अस्पताल  के गेट पर ही अपने परिजनों के सामने ये हत्यारी पूंजीवादी चिकित्सा व्यवस्था के शिकार हो गए।

पिछले कई दशकों से स्वास्थ्य व्यवस्था को निजी कॉर्पोरेट हॉस्पिटल के हाथों जाते हुए और सार्वजनिक स्वास्थ्य ढांचा को दम तोड़ते हुए हम देख रहे है। कोरोना के बढ़ते कहर ने इसे (सार्वजनिक चिकित्सा व्यवस्था के पतन को) और तेज कर दिया है और स्वास्थ्य व्यवस्था को दुर्दशा के कगार पर पहुंचा दिया है, मिहनतकस जनता के पहुचं से बहुत बाहर। नतीजा हमारे सामने है: आक्सीजन के लिये गुहार लगाते लोग, दवाइयों के लिये तरस्ते तड़पते लोग और अव्यवस्था के सामने दम तोड़ते लोग। एक भयंकर सामाजिक त्रासदी हम पर लाद दिया गया है और हम पूरी तरह विवश है- निजी कॉर्पोरेट अस्पतालों, राजनीतिज्ञों, न्यायाधीशों, विद्वानों और व्यापारियों के गिद्ध गिरोह के सामने एकदम विवश।

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