वे बार बार देना चाहते है विकल्प
नये कृषि कानून के
रद्द करने की मांग का विकल्प
वे लुभाना चाहते हैं
भटकाना चाहते हैं
आंदोलनकारियों को
जो बखूबी समझ रहे हैं
गुलामी की जंजीर है
यह कृषि कानून
जो बखूबी जान रहे हैं
कारपोरेट के हाथों
उनकी जमीन भी
बेचे जाने का है
यह कृषि कानून
और यह सब
बखूबी जान रहे हैं
आंदोलित किसान
मेहनतकशों का हर तबका
और इसलिए
एक अद्भूत भाईचारे की
तस्वीर के साथ
आंदोलन के साथ लड़ रहे हैं
अपने हक की लड़ाई
पर सोचने वाले सोचते हैं
हर समय की तरह
डाले जा सकेंगे इसमें भी दरार
तोड़ दिये जा सकते हैं
इसे भी प्रशासनिक दमन से
या बदनाम करके
भर दिये जाऐंगे
नेतृत्वकारियों को जेल में
और खत्म कर दिये जाऐंगे आंदोलन
पर उनके सोच के विपरित वह खड़ी है
बड़ी शहादत के साथ
कड़कड़ाते ठंड को झेलकर
अब गर्मी की तपन सहने को भी
कमर कसी
उन्हें समझ में अब
आ जाना चाहिए
नहीं है इसका कोई विकल्प
उन्हें याद रखनी चाहिए
इतिहास के पन्ने
कि
देश के मजदूर किसान
जब उतर जाते हैं सड़क पर
एक कानून ही नहीं
बल्कि बूत रखते हैं बदलने की
शोषणकारी पूरी व्यवस्था को।
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इलिका
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