वित्त पूंजी तथा भारतीय एकाधिकार पूंजी के संयुक्त हमले के खिलाफ संगठित हों। मोदी सरकार ने कृषि कानून तथा श्रम कानूनों में संशोधन कर मजदूरों और किसानों की कमाई तथा साधन छीन कर बड़े पूंजीपतियों के हवाले करने के लिए अड़ी है। किसान आंदोलन के साथ-साथ मजदूरों का आंदोलन और फिर पूंजी के रखवाली इस व्यवस्था के खिलाफ व्यापक जनांदोलन आज समय की मांग है। डब्ल्यूटीओ, विश्व बैंक तथा वित्त पूंजी के परजीवी मालिकों के खिलाफ विकल्प पेश करने के लिए , एक नई व्यवस्था के निर्माण के लिए , तमाम साधनों के सामाजीकरण और सभी मेहनत करने वालों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए , रोजगार मुहैया कराने के लिए एकजुट हो ।
नरेंद्र कुमार
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