Tuesday, 1 December 2020

किसानी के सवाल पर...

.

  "हर हालत में और जनवादी भू व्यवस्था सुधार की हर परिस्थिति में देहाती सर्वहारा के स्वतंत्र वर्ग संगठन के लिए अडिग रूप से कोशिश करना, उसे समझाना कि उसके और किसान बुर्जुआ वर्ग (धनी-पूँजीवादी किसान) के हितों में अनम्य रूप से विरोध है, उसे चेतावनी देना कि छोटी खेती-बारी की व्यवस्था में उसकी आस्था भ्रममूलक है क्योंकि वह माल-उत्पादन के चलते जनसमूहों की गरीबी कभी दूर नहीं कर सकती और अंततः उसे सारी गरीबी और समस्त शोषण के उन्मूलन के एकमात्र रास्ते के रूप में पूर्ण समाजवादी क्रांति की आवश्यकता बताना पार्टी अपना कार्यभार निर्धारित करती है।"
(1906 में रूसी सामाजिक जनवादी मज़दूर पार्टी की स्टॉकहोम कांग्रेस में बोल्शेविकों द्वारा पार्टी के कार्यक्रम में मंज़ूर करवाया गया बिंदु। नरोदवादियों की जानकारी के लिए- इस समय रूस में 80 फीसदी से ज़्यादा लोग कृषि पर निर्भर थे।)

***********************
  टटपुँजिया लफ़्फ़ाज़ी और नीति का जिसका समाजवादी क्रांतिकारियों के बीच, खास तौर पर "उपयोग" या "श्रम" प्रतिमानों के बारे में, "जमीन के समाजीकरण", आदि के बारे में खोखली बातों का बोलबाला है, मुकाबला करने के लिए सर्वहारा वर्ग की पार्टी को यह स्पष्ट करना होगा कि माल-उत्पादन के तहत छोटी खेती बारी प्रणाली मानव जाति को जनसाधारण की गरीबी और उनके उत्पीड़न से नहीं बचा सकती।
 किसान प्रतिनिधि सोवियतों को तत्काल और अनिवार्यतः विभक्त किए बिना सर्वहारा वर्ग की पार्टी को खेत मजदूरों के प्रतिनिधियों की पृथक सोवियतें और गरीब (अर्धसर्वहारा) किसानों के प्रतिनिधियों की पृथक सोवियतें संगठित करने या कम से कम, किसान प्रतिनिधियों की आम सोवियतों के अंदर पृथक धडों या पार्टियों के रूप में इस वर्गीय स्थिति वाले प्रतिनिधियों की नियमित रूप से पृथक बैठकें करने की आवश्यकता समझानी होगी। अन्यथा सामान्यतया किसानों के बारे में नरोदवादियों के सारे मीठे टटपुँजिया फ़िक़रे खुशहाल किसानों द्वारा, जो केवल पूंजीपतियों की एक किस्म है, सम्पत्तिहीन जनसाधारण के साथ धोखाधड़ी पर पर्दा डालने का काम करेंगे।
(हमारी क्रान्ति में सर्वहारा वर्ग के कार्यभार-लेनिन,10 अप्रैल,1917)

No comments:

Post a Comment

१९५३ में स्टालिन की शव यात्रा पर उमड़ा सैलाब 

*On this day in 1953, a sea of humanity thronged the streets for Stalin's funeral procession.* Joseph Stalin, the Soviet Union's fea...