भारत चीन-सीमा विवाद को इस तरह उछाला जा रहा है कि राफेल डील में हुए घोटाले से सम्बंधित सारे सवाल अब पीछे छूट गए है या उन्हें पूरी तरह भुला दिया गया है।
पहले जिस राफेल को भीलन समझा जाता था, उसे अब देश भक्त बना दिया गया है, अब देश की सुरक्षा में तैनात शक्तिमान राफेल की चर्चा हो रही है। शक्तिमान राफेल की अगली खेप आने का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है।फासीवाद केवल डंडे से नही, पब्लिक ओपिनियन अपने पक्ष में करने की कला के चलते भी हम पर शासन कर रहा है। और बुर्जुवा वर्ग की राजनीति का भंडाफोड़ करने के बजाए हम एक दूसरे की टांग खीचने के खेल में लगे है। हाँ, वाम एकता की चीख-पुकार करना नही भूलते।
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