राज्य स्तरीय महिला कार्यकर्ता कन्वेंशन : 25 फरवरी 2024, दिन रविवार को गांधी संग्रहालय पटना में 10.30 बजे से 4.00 बजे शाम तक
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार महिलाओं को विकास का लाभ पंहुचाने और उनके खिलाफ हिंसा रोकने में पूरी तरह विफल रही है | महिलाओं से जुडी सभी योजनाएं कागजी साबित हुई हैं | जेंडर डेवलपमेंट इंडेक्स में शामिल 156 देशों में भारत का स्थान 140 वां है | विकास में बराबर की भागीदारी तथा गरिमा व सुरक्षा के अधिकारों के लिए महिलाओं का संघर्ष मूलतः लोकतांत्रिक व मानव अधिकारों के लिए जारी संघर्ष का अभिन्न हिस्सा है | यह जगजाहिर है कि मोदी सरकार हमारे लोकतंत्र और संविधान को नष्ट कर रही है | घृणा, नफरत और हिंसा की राजनीति इसकी विचारधारा के मूल में है | हिन्दू संस्कृति व धर्म की पाखंडी, अंधविश्वासी, कट्टरवादी और ब्राह्मणवादी व्याख्या पर आधारित आरएसएस/भाजपा के हिंदुत्व की विचारधारा पूरी तरह स्त्री विरोधी और पुरुषसत्ता की कट्टर पोषक है | समाज में घृणा, तनाव और हिसा की मार सबसे ज्यादा महिलाओं को झेलनी पड़ती है | उनका घर से बाहर निकलना बंद हो जाता है | इसलिए साम्प्रदायिक फासीवाद का पुरजोर विरोध करना हम महिलाओं की सर्वोच्च जिम्मेदारी है |
मोदी सरकार में महिलाओं के खिलाफ अन्याय-अत्याचार में बेतहासा वृद्धी हुई है | राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट और महिलाओं के खिलाफ जारी हिंसा की घटनाओं में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के रवैये से साबित होता है कि मोदी सरकार पूरी तरह महिला विरोधी है | एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार मोदी शासन में महिलाओं के खिलाफ हुए अपराध के कुल सैतीस लाख चार हज़ार एक सौ चौवन मामले दर्ज किए गए जिसमें दो लाख निन्यानबे हज़ार पांच सौ उन्नीस बलात्कार की घटनाएं हैं | दलित और आदिवासी बच्चियों और महिलाओं के मानव तस्करी के भी हज़ारों मामले मोदीराज में दर्ज किए गए हैं |
भाजपा नेताओं के द्वारा महिलाओं के यौन शोषण के अनेक मामले उजागर हुए हैं | कई मामले तो ऐसे हैं जिसके चलते दुनिया भर में हमारे देश को बदनामी और शर्मिंदगी झेलनी पडी है | 'बेटी बचाओ बेटी पढाओ' के नारे पर करोड़ों रूपए खर्च कर अपना चेहरा चमकाने की कोशिश करने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की इन घटनाओं में कुटिल चुप्पी ने उनके असली चेहरे को उजागर किया है |
जून 2017 में उत्तर प्रदेश के उन्नाव में भाजपा के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने सत्रह वर्ष की एक लड़की के साथ बलात्कार किया | विधायक की दबंगई का पुलिस पर भी प्रभाव था | इस मामले में पीड़िता की जलकर संदिग्ध मौत हो गई और पीड़िता के पिता की भी न्यायिक हिरासत में मौत हो गई |
जनवरी 2018 में जम्मू कश्मीर के कठुआ में मुस्लिम समुदाय की एक आठ साल की बच्ची का अपहरण कर एक मंदिर में बंधक बनाकर छह पुरुषों और एक किशोर लडके के द्वारा सामूहिक बलात्कार कर उसकी ह्त्या कर दी गई थी | बलात्कारियों की रिहाई के लिए हिन्दू एकता मंच की ओर से प्रदर्शन किए गए जिसमें भाजपा के दो तत्कालीन मंत्री और कठुआ के भाजपा विधायक भी शामिल थे |
सितम्बर 2020 में उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में एक 19 वर्षीया दलित लड़की का सामूहिक बलात्कार और ह्त्या सरकार संरक्षक दबंगों के द्वारा की गई | घटना के पन्द्रह दिनों बाद पीड़िता की मौत हुई | उसने अपने बयान में बलात्कार का आरोप लगाया था | लेकिन पुलिस ने बिना परिजनों को सूचना दिए उसकी लाश को जला दिया और पूरे मामले को रफा- दफा कर दिया |
उत्तर प्रदेश से भाजपा के दबंग सांसद ब्रिजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश का नाम रौशन करने वाली गोल्ड मेडलिस्ट सात महिला पहलवानों जिसमें एक नाबालिग भी है , ने यौन शोषण का आरोप लगाया और दिल्ली के जंतर-मंतर पर इन्साफ के लिए महीनों धरने पर बैठी रहीं, पूरा देश उनके साथ खडा रहा लेकिन न्याय मिलने की जगह उलटा महिला खिलाड़ियों को पुलिसिया दमन का सामना करना पडा और आरोपी सांसद बेख़ौफ़ घूम रहा है |
2002 में गुजरात दंगे के दरम्यान 11 लोगों ने बिलकिस बानो के साथ बलात्कार किया और उसके परिवार के सात लोगों की ह्त्या कर दी गई | सभी बलात्कारियों को सुप्रीम कोर्ट से आजीवन कारावास की सजा दी गई | भाजपा सरकार ने जेल में सदाचार बरतने के नाम पर शेष अवधि की सजा माफ़ कर इन बलात्कारियों को अवैध तरीके से रिहा कर दिया | विश्व हिन्दू परिषद् ने यह कह कर कि ये सभी 'ब्राह्मण देवता' हैं माला पहनाकर, आरती उतार कर सभी अपराधियों का स्वागत किया | प्रधानमंत्री चुप्पी साधे रहे | सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार के फैसले को रद्द कर पुनः बलात्कारियों को वापस जेल भेज दिया |
नवंबर 2023 को आईआईटी-बीएचयू (उप्र) परिसर में बाईस वर्षीया बी.टेक की एक छात्रा के साथ करमार बाबा मन्दिर के निकट भाजपा के तीन पदाधिकारियों ने बलात्कार किया | दो महीने तक लगातार छात्राओं व छात्रों के द्वारा आन्दोलन चलाने के बाद उन तथाकथित भगोड़ों की गिरफ्तारी हुई |
मणिपुर में पिछले नौ महीने से भाजपा सरकार के संरक्षण में कुकी आदिवासी महिलाओं के खिलाफ हिंसा, छेड़खानी, नंगा घुमाने और बलात्कार की घटनाएं जारी हैं | गत वर्ष मई माह में लगभग हजार की संख्या में पुरुषों hiद्वारा तीन कुकी आदिवासी महिलाओं को नंगा कर खुलेआम सड़कों पर घुमाते, छेड़खानी करते हुए और अंत में उनके साथ बलात्कार कर ह्त्या कर दी गई | इस मामले को दबा दिया गया था | लेकिन दो महीने बाद गत जुलाई में उसका एक वीडियो सोसल मीडिया पर वायरल हुआ, तो देश और दुनिया में सब जगह इसका जमकर विरोध हुआ | सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को चेतावनी दी | प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से सीधे हस्तक्षेप और वक्तव्य की मांग की गई लेकिन वे अनसुना करते हुए चुप्पी साधे रहे |
अपनी शिष्या के साथ बलात्कार की सजा भुगत रहे आशाराम बापू और गुरमीत राम रहीम आदि बाबाओं से भी मोदी जी और भाजपा नेताओं के निकट संबंध जगजाहिर है। गुरमीत राम रहीम को तो चार वर्षों में नौ बार लंबी अवधि के लिए पैरोल पर छोड़ा गया ।
उक्त कुछेक घटनाओं से साफ़ है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी से लेकर राज्य की भाजपा सरकारें और भाजपा के नेतागण सभी का रूख महिलाओं के प्रति अपमानजनक, असंवेदनशील और पाखंडी है |
लोकसभा और विधान सभाओं में महिला आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा के झांसे से हम महिलाओं को सावधान रहने की जरुरत है | महिलाओं के लिए संसद और विधान सभाओं में 33 प्रतिशत आरक्षण से संबंधित विधेयक पारित कर ठंढे बस्ते में डाल दिया गया है | एक तो पिछड़े समुदाय की महिलाओं के सवालों को नजरंदाज कर दिया गया और दूसरा इसे आगामी चुनावों से लागू न कर भविष्य की अनिश्चितता में ठेल दिया गया है |
रोजगार के क्षेत्र में भी महिलाओं की स्थिति बदतर हुई है | कामकाजी उम्र 15 से 64 आयु की महिलाओं की कुल आबादी 450 मिलियन है | 90 प्रतिशत महिलाएं असंगठित क्षेत्र में काम करती हैं | आवधिक श्रम शक्ति सर्वेक्षण रिपोर्ट 2022-23 के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी मात्र 30.5 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में मात्र 20.2 प्रतिशत है | खेती में महिलाओं की भागीदारी लगभग 60 प्रतिशत है | ऑक्सफेम इंडिया की 'इंडिया डिस्क्रिमिनेशन रिपोर्ट 2022 के अनुसार ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं 100 प्रतिशत और शहरी क्षेत्र में 98 प्रतिशत रोजगार संबंधी भेदभाव की शिकार हैं | सामान योग्यता रखने के बावजूद महिलाओं के साथ भेदभाव बरता जाता है | सामान वेतन और क्षमतानुसार महिलाओं को रोजगार देने का सरकारी दावा पूरी तरह खोखला साबित हुआ है | रोजगार के क्षेत्र में महिलाएं हर स्तर पर जेंडर भेदभाव, शोषण और पुरूष वर्चस्व का सामन कर रही हैं | कम मजदूरी/वेतन, बेगारी, नियमित काम का अभाव और यौन उत्पीडन से मुक्ति के लिए कामकाजी महिलाओं का संघर्ष आज भी जारी है |
बिहार में कुल एक लाख चौदह हजार आंगनवाडी केन्द्रों पर सेविका और सहायिका के रूप में दो लाख पन्द्रह हजार महिलाएं कार्यरत हैं | सरकार इन्हें न्यूनतम मजदूरी से बहुत कम मानदेय देती है | समुचित सुविधा और समय पर राशि भी मुहैया नहीं कराती है | नतीजा महिलाओं को डरा धमका कर काम लिया जाता है और राशि आबंटन में भी लूट जारी है |
एक दूसरा क्षेत्र जहां बड़े पैमाने पर महिलाएं भागीदार हैं वह है स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) | देशभर में लागू इस योजना के तहत बिहार में कुल एसएचजी की संख्या दस लाख तीन हज़ार दो सौ पैतालीस है जिसके तहत एक करोड़ सोलह लाख तेरह हज़ार चार सौ तिरपन महिलाएं जुडी हुई हैं | इसमें ज्यादातर पिछड़ी, दलित और आदिवासी महिलाएं हैं जो सीमान्त किसान, मजदूर और गरीब तबके से आती हैं | इस योजना का उद्धेश्य सदस्य महिलाओं को जरुरत पड़ने पर सही समय पर छोटे-छोटे ऋण मुहैया कराना औए जीविका का आधार खडा करने में उनकी मदद करना है | लेकिन बैंकों के नकारात्मक रवैये, सरकारी विभागों की आनाकानी और महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह के कारण गरीब महिलाओं की गाढ़ी कमाई का करोड़ों रुपया जो बैंकों में जमा होता है उसका आधा भी उन्हें जरुरत पड़ने पर ऋण के रूप में नहीं मिलता है | इसका मतलब है कि गरीब महिलाओं की कमाई का पैसा भी सरकार बैकों के माध्यम से दूह कर अन्य क्षेत्रों में लगा रही है |
जल, जंगल,जमीन पर हकदारी का सवाल महिलाओं के वजूद से जुड़ा है | आज महिलाएं बड़े पैमाने पर खेती कर रही हैं | किसान आन्दोलन में महिला किसानों की सक्रिय भागीदारी के चलते मोदी सरकार का दमन उनपर भी जारी है | लेकिन महिलाएं जमीन के मालिकाना हक से वंचित हैं | भूमिहीन परिवारों में सबसे ज्यादा आबादी दलितों, अतिपिछड़ों और पिछड़े लोगों की है | वासभूमि/जमीन का परचा के अभाव में महिलाओं के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना बेकार साबित हुई है |
मोदी सरकार की नई राष्ट्रिय शिक्षा नीति स्त्री विरोधी है | इसके के तहत गाँव /शहर के तथाकथित अक्षम स्कूलों को ख़त्म किया जा रहा है अथवा दूसरे स्कूल के साथ उसे मिला दिया जा रहा है | स्कूलों के बंद होने या स्थान परिवर्तन का सबसे ज्यादा खामियाजा छात्राओं को भुगतना पडेगा | मंहगी शिक्षा की मार भी सबसे ज्यादा लड़कियों पर पड़ती है | पाठ्यक्रम में भी इस तरह से बदलाव किये जा रहे हैं जिसमें जेंडर समानता के मूल्यों, तथ्यों, तर्कों, वैज्ञानिकता और विवेक की जगह आस्था, धर्म, परंपरा, संस्कृति के नाम पर प्रतिगामी और साम्प्रदायिक भेदभाव को बढ़ावा देने वालों पाठों का समावेश किया जा रहा है |
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने बहुत जोर-शोर से प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की घोषणा की | गरीब महिलाओं को ऐसा संदेश दिया गया कि मोदी सरकार मुफ्त में रसोई गैस मुहैया करा रही है | जबकि सच्चाई यह है कि गैस सिलिंडर और चुल्हा कर्जा पर दिया गया है जिसका महीनावार भुगतान करना है | अब स्थिति यह है कि गरीब महिलाओं के पास इतना रुपया कहाँ है कि कर्जा चुकाएं और गैस खरीदें | नतीजा लोग परंपरागत रसोई इधन का प्रयोग करने पर मजबूर हैं | महिलाएं ठगा महसूस कर रही हैं | इस योजना के पीछे सिलिंडर और गैस चुल्हा कंपनियों/व्यापारियों से अरबों की कमीशनखोरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है |
स्वच्छ भारत के तहत शौचालय योजना का भी खूब ढिंढोरा पीटा गया कि महिलाओं की गरिमा की प्रतिष्ठा के लिए यह योजना लागू की गई है | यह योजना भी दलाली, लूट-खसोट और फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ गई | जिनके पास रहने को जमीन नहीं है तथा जो बहुत कम जमीन पर बमुश्किल बसे हैं उनके लिए यह योजना बेमानी है | शौचालय निर्माण की आबंटित राशि भी अपर्याप्त है | पहले से बने एक ही शौचालय को बार-बार दिखा कर राशि लूटी जा रही है | सामुदायिक शौचालय की योजना भी पूरी तरह विफल है | कागजी तौर पर 'खुले में शौच मुक्त गाँव' घोषित किये गए हैं |
महिला स्वास्थ्य के मोर्चे पर भी मोदी सरकार पूरी तरह विफल है | पोषण अभियान की विफलता का प्रमाण तो यही है कि महिलाओं और बच्चियों में खून के कमी की समस्याएँ बढ़ी हैं | ग्रामीण इलाकों स्वास्थ्य केन्द्रों की दुर्दशा में कोई सुधार नहीं हुआ है | दवाएं बहुत मंहगी हुई हैं और सरकारी अस्पतालों की भी स्थिति बदतर है |
सच यह है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार महिलाओं से संबंधित सभी मोर्चों पर विफल है | इसलिए आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा गठबंधन को हर हाल में हराना सभी महिलाओं और महिला समानता व अधिकारों के पक्षधर लोगों का सबसे बड़ा कार्यभार है |
हम महिलाओं की अपील है कि आगामी लोकसभा चुनाव में इंडिया/महागठबंधन के उम्मीदवारों को विजयी बनाने के लिए सभी अपने-अपने स्तर से सक्रिय हस्तक्षेप करें |
निवेदक – लोकतांत्रिक जन पहल बिहार
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