Monday, 28 February 2022

चमत्कार

👉हजार साल पहले महमूद गजनवी ने दो बातें सिद्ध की - 

1.पहली बात यह कि इस देश के मंदिरों में भगवान नहीं, बेईमान बैठे हैं !
                     और दूसरी
2.इस देश के बड़े-बड़े दुर्गों में राजा नहीं, कायर रहते हैं!

        पर आज भी हम इन बेईमानों में चमत्कार ढूंढ रहे हैं, ये हमारी आस्था नहीं, हमारा अज्ञान है!       

1025 में महमूद गजनवी ने देवसोमनाथ को लूटा,तब इस देश में यही सब हो रहा था, जो 2019 हो रहा है!एक हजार साल बीत गये, पर हम नहीं सुधरे!
आज भी यज्ञ और हवन हो रहे हैं, मन्त्र जाप हो रहे हैं, तंत्र-साधना चल रही है !

बताते हैं कि "महमूद" जब गजनी से चला तो गुप्तचरों ने गुजरात के राजा को बताया कि महमूद "देवसोमनाथ" को लूटने आ रहा है,तो गुजरात के राजा ने अपने राजपुरोहित और सोमनाथ के पुजारियों से सलाह की कि देवसोमनाथ को कैसे बचाया जाय ? तो पंडितों ने कहा - पूरे राज्य से घी, दूध और धन इकट्ठा करो, हम यज्ञ, हवन और मृत्युंजय जाप करेंगे!गजनवी यहाँ तक नहीं पहुंचेगा और रास्ते में ही अँधा हो जायेगा!पूरे राज्य में ऐसा किया गया।

       पर गजनवी अंधा नहीं हुआ और निकट आ गया! गुजरात की सरहदों में आ गया तो गुजरात का कायर राजा लड़ने की बजाय रात में गुजरात छोड़कर भाग गया,और जब गजनवी देवसोमनाथ पहुंचा तो चंद पण्डे, पुजारियों को देखकर हैरान हो गया कि गजनी से सोमनाथ तक मेरे से कोई लड़ने तक नहीं आया और मैं बिना किसी अवरोध के मन्दिर तक पहुँच गया।

पुजारियों को देखकर उसने पूछा कि ये क्या कर रहे हैं तो लोगों ने बताया कि ये हवन, यज्ञ और मारण मन्त्र चल रहे हैं, ये आपको अन्धा करने की विधियाँ चल रही हैं, वही विधियाँ आज भी चल रही हैं, वो हवन, यज्ञ आज भी उसी रूप में जारी हैं।

सोमनाथ मन्दिर में अथाह धन देखकर गजनवी अचम्भित हो गया कि इतना धन कैसे इकट्ठा हुआ तो लोगों ने बताया कि मूर्ति का चमत्कार है जो हवा में लटकी है।

इस चमत्कार को जानने के लिये गजनवी ने मन्दिर का गुम्बद तुड़वाया तो चारों तरफ चुम्बक निकला और चमत्कारी मूर्ति जमीन पर आ गिरी।

बस यही एक चमत्कार है, जो हजार साल पहले से इस देश में काम कर रहा है बाकी बेईमानी के अलावा इस देश में दूसरा कोई भौतिक चमत्कार नहीं है।
।।जय विज्ञान।।

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