महान अन्तरिक्ष वैज्ञानिक और विचारक "गैलिलियो गैलिली " ने दूरबीन का आविष्कार करने के बाद,अन्तरिक्ष में झांककर जब दुनियां को बताया कि सूर्य पृथ्वी के चारों ओर नहीं,बल्कि पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घुमती है" उनके शोध के विषय में पुस्तक प्रकाशित होते ही समस्त संसार में भारी उत्पात मच गया और उनका सबसे बड़ा दुश्मन,पोप और इसाई मिशनरीज़ बन गयी, संसार की इसाईयत उनका विरोध करने लगे क्यों गैलिलियो का ये सिद्धांत सम्पूर्ण इसाई धर्म की नीव हिलाने के लिए काफी था ,क्योंकि इसाई धर्म के अनुसार "पृथ्वी ब्रहम्मांड का केंद्र है,और सूर्य इसके चारों ओर चक्कर काटता है,साथ ही पृथ्वी स्थिर है" जबकि गैलिलियो का विचार ठीक इसका उल्टा था,जिससे इसाई धर्म के मूल सिद्धांतों और धार्मिक पुस्तक बाइबल की विश्वसनीयता और सत्यनिष्ठ प्रभावित हो रही थी,सो विरोध तो होना ही था.
विश्व में गैलिलियो की पुस्तकें और पांडुलिपियाँ जलाई गयी, उग्र आन्दोलन के द्वारा भी विरोध किया गया, पोप ने गैलीलियो पर पुस्तक प्रकाशित करने पर रोक, प्रकाशित पांडुलिपियाँ वापस लेने, अपने सिद्धांत से मुकरने और सार्वजनिक माफ़ी मांगने का दवाव डाला गया। पर गैलीलियो अपने सिद्धांत पर डटे रहे, तब विरोध और उग्र हुआ, पोप के कहने पर, अदालत में मुकदमा प्रारम्भ हुआ, गैलीलियो को अपार यातनाएं दी गयीं पर एक बूढ़ा विचारक कब तक अडिग रहता, आखिर नौबत फांसी लगने की आने लगी तब ...! गैलीलियो जब अदालत में हाज़िर किया गया, तो उस बूढ़े विचारक ने बड़े पते की बात कही- बिलकुल वास्तविक...परन्तु अकाट्य सत्य….
आदरणीय जूरी के सदस्यों……!
मै गैलीलियो गैलिली - आप लोगों के अनुसार, अपने शोध एवं सिद्धांत वापस लेता हूँ, और आपके अनुसार घोषणा करता हूँ, कि मेरे सिद्धांत और विचार सत्य नहीं थे, मै तो पागल था…..जो इतने दिनों बेकार ही यातना सहता रहा, बेकार बकवास झक मारता रहा, मै अपने विचार वापस लेता हूँ, और ये भी घोषणा करता हूँ, कि पृथ्वी के चारों ओर सूर्य घूमता है, और पृथ्वी स्थिर है, जैसा कि बाइबल में लिखा है…….मेरे विचार बकवास, और एक बूढ़े आदमी के सड़े दिमाग की उपज मात्र थी कृपया मेरी भूल के लिए मुझे माफ़ करें !
परंतु एक बात फिर भी कहता हूँ, कि जैसे आपके कहने पर मैंने मान लिया, कि सूर्य ही पृथ्वी के चारो ओर घूमता है, मेरा सिद्धांत गलत था मगर सूर्य नहीं मानेगा आपके कहने से वो नहीं घूमेगा पृथ्वी के चारो ओर.. न पृथ्वी आपके कहने से स्थिर हो जायेगा, जैसा कि आपके भय से मैंने कह दिया पर न सूरज आपका कहना सुनेगा, न हीं पृथ्वी आपकी बात मानेगी क्योंकि आप उन्हें न तो दंड दे सकते है, न फांसी पर लटका सकते है, न वे आपसे भयभीत हैं न हीं कभी आप उनको डरा धमका सकते हैं.... सो घूमेगी पृथ्वी ही सूर्य के चारो ओर....
आप चाहे जो करले पर आपके कहने से, मै अपनी बात वापस लेता हूँ.... क्योंकि मेरे कहने से भी वे अपना परिभ्रमण बंद नहीं कर सकते, वे तो घूमते रहेंगे पर मै मान लेता हूँ, जैसा आप कहते हैं, बाइबल कहती है…. वही सत्य है….. मेरे आपके कहने से कोई अंतर नहीं पड़ने वाला....
तब पोप ने, अदालत ने, और राजा-प्रजा ने सोचा विचार किया….. चलो गैलीलियो स्वयं तो स्वीकार कर रहा हैं कि वो गलत था, बाइबल सही है.... इतना ही काफी है, कुछ तो लाज बच रही है वर्ना तो उन्हें लगता था कि गैलीलियो अपनी सत्यता के लिए जान दे देगा, पर सिद्धांत को अमर कर जायेगा, सो इतना ही काफी है भले ही पृथ्वी सूर्य के चारों ओर घुमती रहे.... बता कौन किसे रहा है... कुछ तो लाज बची।
गैलीलियो ने कहा था आज भी सूर्य के चारों ओर पृथ्वी ही घूम रही है, कितने पोप आये और चले गए, कितने सत्ताधारी विश्व विजेता आये और चले गए, पर कोई भी शक्ति सूर्य को पृथ्वी के चारों ओर नहीं घुमा पायी, अकेले गैलीलियो के आगे समस्त इसाईयत, समस्त शक्ति हार गयी पर आज भी पृथ्वी ही घूम रही है सूर्य के चारों ओर...और सदियों -शताब्दियों तक घुमती रहेगी, और अमर रहेगा गैलीलियो का सिद्धांत! ये है सत्य….
सत्य सदैव जिंदा रहता है, आज गैलीलियो का सिद्धांत प्रमाणिक हो चूका है जो पोप और चर्च गैलीलियो के सिद्धांत व विचारों का विरोध कर रहे थे आज सैकड़ों सालों के बाद उसी चर्च में वर्ष 2008 को गैलीलियो की मूर्ति स्थापित की गयी है और उसी चर्च ने गैलीलियो के सिद्धांत को मान्यता दी है।
वर्तमान पोप ने पूर्व में गैलीलियो के साथ किये गए अमानुषिक अत्याचार के लिए सार्वजनिक माफ़ी भी मांगी हैं।
विनय कुमार सिंह
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