Wednesday, 3 November 2021

दीवाली पर शायरी

आइये *दीवाली* पर तोहफ़े ठीक से छाँटे, ...... इस बार *मिठाई* नहीं, भरपूर *मिठास* बाँटे 😍

चलो मिलकर इस बार दीवाली ऐसे मनायें,  ....... *दिये* तो जलायें पर, *दिल* ना जलायें✍🏻

नये दिये जलाने से *बेहतर* हैं, ....... जो *दिये* बुझ रहे हैं, उन्हे बचायें🤟🏻

*रोशनी* करने का ढंग बदलना होगा,  ....... *दिया* जलाकर नही  ,,, *दिया बनकर*  जलना होगा☺️

आप सभी को दीवाली की अनन्त शुभकामनायें!

No comments:

Post a Comment

१९५३ में स्टालिन की शव यात्रा पर उमड़ा सैलाब 

*On this day in 1953, a sea of humanity thronged the streets for Stalin's funeral procession.* Joseph Stalin, the Soviet Union's fea...