मैं अपनी आवाज को
वह ताकत देना चाहती हूँ
जो दमन की जंजीरों से
ज्यादा ताकतवर हो ,
क्योंकि हमने अभी-अभी
एक प्रिय कामरेड खोया है।।
क्यों खोया?
मैं इस बात पर सिर्फ अफसोस कर
नहीं रहना चाहती
कि सत्ता बड़ी दमकारी है।।
मैं चाहती हूँ मेरी आवाज
उतनी मजबूत हो,
कि हमारे शहीद कामरेड
को सच्ची श्रद्धांजलि मिल सके।
कि इस घोर दमनकारी व्यवस्था का
मुंहतोड़ जवाब बन सके।
मैंने उन्हें कभी नहीं देखा था,
पर उनके जाने की खबर से
एक गहरी पीड़ा महसूस कर रही
सोचती हूँ जिनके लिए
ताउम्र वे लड़ते रहे
उनपर क्या बितती होगी?
पर यह भी तो सच है
सशरीर भले ही वह
हमारे बीच न हो पर
जो जनता की आवाज होते हैं
वे कभी बूढ़े नहीं होते
और मरते तो हरगिज़ ही नहीं।
वे हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे
हमेशा हमेशा के लिए ।।
और फिर एक बार दोहराती हूँ
मैं अपनी आवाज को
वह ताकत देना चाहती हूँ
जो दमन का मुंहतोड़ जवाब बने
और हमारे शहीद कामरेड को
सच्ची श्रद्धांजलि मिले।।
इलिका
हमारे प्यारे शहीद फादर Stan Swamy के लिए ।।
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