दर्द जितना गहरा था
उतने ही अकेले थे हम।
उतनी ही अधिक शिद्दत से
कारणों की तलाश थी,
संग - साथ की चाहत थी
उतनी ही ज़रूरत महसूस की प्यार की।
और दर्द की गहराई
और बढ़ गयी,
और अधिक अकेले पड़ गये हम।
इस पूरी दुनिया के लिए
और अधिक प्यार की चाहत से
लबरेज़ थे हमारे दिल।
एक दिशा थी
रोशनी की तीखी लकीर की तरह
स्वप्न से जागृति में प्रवेश करती हुई।
- शशिप्रकाश
Artwork: Arbol, Siqueiros.
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