Sunday, 3 November 2024

अलविदा दीपावली 2024

ज़रा अदब से उठाना इन बुझे दियों को

बीती रात इन्होंने सबको  रोशनी दी थी

किसी को जला कर खुश होना अलग बात है

इन्होंने खुद को जला कर रोशनी की थी

कितनों ने खरीदा सोना
मैने एक 'सुई' खरीद ली

सपनों को बुन सकूं
उतनी 'डोरी' खरीद ली

सबने बदले नोट
मैंने अपनी ख्वाहिशे बदल ली

शौक- ए- जिन्दगी' कम करके
सुकून-ए-जिन्दगी' खरीद ली...

माँ लक्ष्मी से एक ही प्रार्थना है..

धन बरसे या न बरसे..
पर कोई गरीब..
दो रोटी के लिए न तरसे..

🙏🏻अलविदा दीपावली 2024🙏🏻

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