न्यायालय ने शिलालेख को हटाने से किया इनकार
नास्तिकों को भगवान के अस्तित्व को नकारने का अधिकार: हाईकोर्ट
चेन्नई, मद्रास हाईकोर्ट की एक खंडपीठ ने उस शिलालेख को हटाने से इनकार कर दिया है जिस पर लिखा है कि कोई भगवान नहीं है। यह शिलालेख तिरुचि में समाज सुधारकर पेरियार की मूर्ति के पास स्थित है। इस पर यह भी लिखा है कि जो भी भगवान में विश्वास करते हैं, वे मूर्ख और बर्बर हैं। इसके साथ ही हाईकोर्ट की पीठ ने एम. दिव्यनायगम द्वारा दायर उस जनहित याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने राज्य के मुख्य सचिव को निर्देश देकर पेरियार की प्रतिमाओं के नीचे लिखे इन अपमानजनक शब्दों को हटाने की प्रार्थना की थी। हाईकोर्ट ने साफ़ कहा कि नास्तिकों को भी अपने विचार रखने का अधिकार है। याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एस. मणिकुमार और सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा, पेरियार ने जो कहा उसमें विश्वास किया और शिलालेख पर अपने विचार रखने में कुछ भी गलत नहीं है।
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