अल्बर्ट आइंस्टीन और चार्ली चैपलिन, दोनों ही अपने-अपने फन के उस्ताद। एक बार दोनों की मुलाक़ात हो गयी। उनके बीच एक दिलचस्प संवाद हुआ, कुछ इस तरह ...
आइंस्टीन चार्ली चैपलिन से कहते हैं - आपकी कला में जिस चीज़ का मैं सबसे अधिक प्रशंसक हूं, वह है उसकी सर्वव्यापकता। आप एक शब्द भी नहीं बोलते फिर भी दुनिया समझ जाती है।
सही कहा आपने, चैपलिन जवाब देते हैं- परन्तु आप की प्रसिद्धि तो और भी ज़्यादा है। सारी दुनिया आपकी प्रशंसक है जबकि आप जो बोलते हैं उसे कोई नहीं समझता।
आइंस्टीन चार्ली चैपलिन से कहते हैं - आपकी कला में जिस चीज़ का मैं सबसे अधिक प्रशंसक हूं, वह है उसकी सर्वव्यापकता। आप एक शब्द भी नहीं बोलते फिर भी दुनिया समझ जाती है।
सही कहा आपने, चैपलिन जवाब देते हैं- परन्तु आप की प्रसिद्धि तो और भी ज़्यादा है। सारी दुनिया आपकी प्रशंसक है जबकि आप जो बोलते हैं उसे कोई नहीं समझता।
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